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खतौनी (Posting)

खतौनी (Posting)

रोजनामचे एवं अन्य सहायक पुस्तको से खाताबही में प्रविष्टियां करने की प्रक्रिया को खतौनी कहा जाता है। रोजनामचे एवं अन्य सहायक पुस्तकों में दी गई प्रविष्टियों के लिए आधार बनाती है। खतौनी के कार्य के लिए विशेष कुशलता की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह सामान्य प्रकार का कार्य है।

रोजनामचे की खतौनी

प्रविष्टियों के रोजनामचे में लिखने के पश्चात् खाताबही में खताया जाना चाहिए। अन्य सहायक पुस्त्कों की खतौनी से रोजनामचे की खतौनी आसान है। रोजनामचे के डेबिट पक्ष के धन-राशि स्तम्भ में लिखी गई धनराशि को खाताबही में सम्बन्धित खाते के क्रेडिट पक्ष मे खताया जाता है और क्रेडिट पक्ष के धन-राशि स्तम्भ में लिखी गई धनराशि को खाताबही में सम्बन्धित खाते के क्रेडिट पक्ष में खताया जाता है। खाताबही के विवरण स्तम्भ में खातों के नाम अदल-बदल कर दिए जाते हैं - रोजनामचे के उस खाते का नाम जिसमें कि धन-राशि डेबिट की गई है। खाताबही में दूसरे खाते के क्रेडिट पक्ष के विवरण स्तम्भ में लिखा जाएगा। इसी प्रकार से इसका विपरीत भी सही है। यह निम्नलिखित उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है।

क्रय पुस्तक की खतौनी

खाताबही में प्रत्येक लेनदार का एक अलग खाता खोला जाता है। प्रत्येक क्रय की धन-राशि उससे सम्बन्धित व्यक्तिगत खाते में साधारणतया प्रतिदिन क्रेडिट की जाएगी। इस पुस्तक की द्वि-प्रविष्टि कुल क्रयों का आवधिक (साधारण-तथा एक भाग) योग के क्रय खाते में डेबिट करने से पूर्ण होगी।

विक्रय पुस्तको की खतौनी

खाता पुस्तक में प्रत्येक देनदार का एक ललग खाता खोलना होगा। साधारणतया उधार बिक्रि को वैयक्ति खाते में प्रतिदिन खताया जाता है। ग्राहकों के वैयक्ति खाते को विक्रय की धनराशि से डेबिट किया जाएगा। विक्रय खाता उधार बिक्री के मासिक योग से क्रेडिट किया जाएगा। इस प्रकार इस पुस्तक की द्वि-प्रविष्टि पूर्ण की जाएगी।

क्रय वापसी पुस्तक की खतौनी

खातबही में उस प्रत्येक व्यक्ति, जिसे माल लौटाया गाय है, को ‘डेबिट किया जाता है और महीने के अन्त में वापसियों के आवधिक योग को खाताबही में क्रय वापसी खाते में क्रेडिट किया जाता है।

क्रय वापसी पुस्तक की खतौनी

उस प्रत्येक ग्राहक, जो माल लौटाना है, को क्रेडिट किया जाता है और महीने के अन्त में विक्रय-वापसी पुस्तक के योग के विक्रय-वापसी खाते को डेबिट किया जाता है।

रोकड़ पुस्तक की खतौनी

रोकड़ की (शेष और विपरीत प्रविष्टियों को छोड़कर) सभी मदों मो खाताबही में खाताबही में खताय जाता है। रोकड़ बही के डेबिट पक्ष में लिखी सभी प्राप्तियों को सम्बन्धित खातों के क्रेडिट में ‘रोकड़ से’, बैंक से’, ‘छूट से’ लिखकर खताया जाता है। रोकड़ बही के क्रेडिट पक्ष में लिखे गये सभी भुगतानों को सम्बन्धित खातों के डेबिट में ‘रोकड से’, ‘छूट से’, बैंक से’ लिखकर खताया जाता है। रोकड़ बही के डेबिट पक्ष के छूट सत्म्भ के योग को खाताबही में छूट खाते के डेबिट पक्ष में लिखा जाता है। क्योंकि मर्दें व्यक्तिगत खातों के क्रेडिट पक्ष में खताई जाती है। मदों को व्यक्तिगत खातों के डेबिट में खताई जाने की वजह से रोकड़ बही के क्रेडिट पक्ष के छूट स्तम्भ के योग को खाताबही में छूट खाते के क्रेडिट पक्ष में लिखा जाता है।

प्राप्य विनियम-विपत्र पुस्तक की खतौनी

उस व्यक्ति, जिससे विनमय-विपत्र मिला है, का खाता विपत्र की धन-राशि से क्रेडिट कर दिया जाता है। प्राप्त विपत्रों के मासिक योग से खाताबही में प्राप्य-विनिमय-विपत्र खाता डेबिट किया जाता है।

देय-विनिमय-विपत्र पुस्तक की खतौनी

उस व्यक्ति, जिसको विपत्र दिया जाता है, का खाता विपत्र की धन-राशि से डेबिट किाय है। देय विपत्रों के मासिक योग से खाताबही में देय विनिमय विपत्र खाते को क्रेडिट किया जाता है।

खुदरा रोकड़ बही की खतौनी

आवधिक अन्तराल पर खुदरा रोकड़ बही के वैश्लेषक स्तम्भों द्वारा दर्शाए गए खुदरा व्ययों के विश्लेषण की जनरल प्रविष्टि की जाती है। प्रत्येक नाम मात्र के खाते को उसके सम्बिन्ध योग से डेबिट किया जाता है और खुदरा रोकड़ खात अवधि में किए गए कुल खुदरा व्ययों की (धनराशि) से क्रेडिट किया जात है।

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