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PAN CARD आवेदन किसके लिए जरुरी हे और आवेदन कौन कौन कर सकता हे !

निम्नलिखित  कतिपय मामलो में PAN CARD के लिए व्यक्तियों द्वारा  आवेदन करना :  आयकर अधिनियम कि धारा139A अन्य बातो के साथ ;यह प्रावधान करती हे की उसमे विनिर्दिट (SPECIFIED) प्रत्येक  व्यक्ति और जिसे स्थायी खाता क्रमांक (PERMANENT ACCOUNT NUMBER) आबंटन नहीं किया गया  हे,  निर्धारण अधिकारी (ASSESING OFFICER) को पैन के आबंटन के  लिए आवेदन करेगा ! गैर व्यस्टिक (INDIVIDUAL) (FOR EXP. COMPANY, FIRM, TRUST/SOCIETY, FIRM ETC.) व्यक्तियों  लिए PAN को यूनिट एंटिटी नंबर (UEN) के रूप में उपयोग करने के  लिए,यह प्रस्ताव हे कि प्रत्येक व्यक्ति जो व्यस्टि (INDIVIDUAL)  नहीं हे , जो किसी वित्तीय वर्ष में 2 लाख 50 हजार रूपए या उससे अधिक कि रकम या उससे अधिक कि रकम का वित्तीय संव्यवहार (TRANSACTION) करता हे ,उसे PAN के आबंटन के लिए निर्धारित  अधिकारी को आवेदन करना अपेक्षित होगा !                   वित्तीय संव्यवहार (TRANSACTION)  को प्राकृतिक व्यक्तियों (NORMAL PERSON) के साथ जोड़ने के लिए , यह भी प्रस्ताव हे की एसे व्यक्तियों की और से कार्य करने के लिए सक्षम प्रबंध निदेशक (MANAGING DIRECTOR),  भागीदार

भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932

Pranaam साझेदारी का  सामान्य परिचय : दो या दो से अधिक लोग मिलकर कोई लाभपूर्ण व्यापार करते हैं तथा लाभ को आपस में बांटते है साझेदारी कहलाता है . साझेदारी का अर्थ : भारतीय साझेदारी अधिनियम एक अक्टूबर 1932 को जम्मू कश्मीर को छोड़कर सम्पुर्ण भारत में लागू हुआ था .  इस अधिनियम से पुर्व साझेदारी से सम्बंधित प्रावधान भारतीय संविदा ( अनुबंध ) अधिनियम   1872 में दिए गए थे . साझेदारी से आशय व्यावसायिक संगठन के ऐसे स्वरुप से है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति स्वेच्छा से किसी वैधानिक व्यापार को चलने के लिए सहमत होते हैं . व्यवसाय में पूँजी लगाते हैं , प्रबंधकीय योग्यता का सामूहिक प्रयोग करते हैं तथा लाभ को आपस में बांटते हैं .  भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 4 के अनुसार साझेदारी   का   जन्म   अनुबध से होता है किसी स्थिति के कारण नहीं साझेदारी की परिभाषा   ( भारतीय साझेदारी अधिनियम की धारा 4   के अनुसार “ साझेदारी उन व्यक्तियों के मध्य पारस्परिक सम्बन्ध ह