लेखाकरण में दोहरी प्रविष्टि प्रणाली या दोहरी खतान प्रणाली (Double-entry system) बहीखाता की एक पद्धति है। इसका नाम 'दोहरी प्रविष्टि' इसलिए है क्योंकि इसके अन्तर्गत किसी खाते की प्रत्येक प्रविष्टि के संगत किसी दूसरे खाते में एक विपरीत प्रविष्टि का होना जरूरी है। उदाहरण के लिए, १०० रूपए की कमाई को दर्ज करने के लिए दो प्रविष्टियाँ आवश्यक होंगी-
- (१) 'कैश' नामक खाते में १०० रूपए की डेबिट प्रविष्टि की जाएगी, तथा
- (२) 'आय' नामक खाते में १०० रूपये की क्रेडित प्रविष्टि की जाएगी।
इसे हिन्दी में 'द्वि-अंकन प्रणाली' भी कहते हैं।
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