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खातों को बन्द करना

खातों को बन्द करना

व्यक्तिगत खाते (personal accounts)

यह पता लगाने के लिए कि एक विषेश व्यक्ति से क्या लेना है या एक विषेश व्यक्ति को क्या देना है, उसके व्यक्तिगत खाते का शेष निकालना आवश्यक है। इस प्रक्रिया को खाते बन्द करना कहते हैं।
एक खाते का शेष निकालने के लिए उसके दोनों पक्षों (डेबिट तथा क्रेडिट) का योग लगाया जाता है। यदि दोनों पक्ष बराबर नहीं होते, तो दोनों पक्षों को बराबर करने के लिए अन्तर की कमी वाले पक्ष में लिख दिया जाता है। कमी वाले पक्ष में लिखने के लिए जो अन्तर इस प्रकार प्राप्त किया जाता है उसे उस खाते का शेष कहते हैं।
यदि डेबिट पक्ष का योग क्रेडिट पक्ष के योग से अधिक है तो शेष को श्ठल ठंसंदबम बधकश्लिख कर क्रेडिट पक्ष लिख दिया जाता है। ऐसी दशा में उस शेष को डेबिट शेष कहा जाता है। दूसरे वर्ष के आरम्भ में इस शेष को खाता खोलने समय श्ठल इंसंदबम इधकश्लिख कर डेबिट पक्ष में लिख दिया जाता है। इसी प्रकार से यदि क्रेडिट पक्ष का योग डेबिट पक्ष के योग से अधिक है तो शेष को श्ठल इंसंदबम इधकश्लिखकर क्रेडिट पक्ष में लिख दिया जाता है। इस शेष को क्रेडिट शेश काहा जाता है।

वास्तविक खाते (Real accounts)

वास्तविक खाते व्यापार की सम्पत्तियों को दर्शाते हैं। इस खातों के शेष चिट्ठे की तिथि पर व्यापार के अधिकार वाली सम्पत्तियों की धन-राशि ज्ञात करने के लिए निकाले जाते हैं। इनका शेष भी उसी प्रकार निकाला जाता है। जिस प्रकार व्यक्तिगत खातों का शेष निकाला जाता है। यह नोट किया जाना चाहिए कि वास्तविक खातों का शेष हमेशा डेबिट ही होता है या कोई शेष नहीं होता अर्थात् उनका शेष कभी भी क्रेडिट शेष नहीं हो सकता।

नाममात्र (के) खाते (nominal accounts)

नाम मात्र (के) खाते व्यापार के व्ययों, हानियों आयों तथा लाभों से सम्बन्ध रखते हैं। इनका शेष नहीं निकाला जाता है। वस्तुतः इन्हें व्यापार खाते अथवा लाभ-हानि खाते में स्थानान्तरित करके बन्द कर दिया जाता है।
टिप्पणी
खातों का शेष निकालते हुए या उसको बन्द करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि दोनों पक्षों का जोड़ एक सीध में लिखा जाए। यदि खातों में केवल एक ही प्रविष्टि है तो जोड़ लगाना आनावश्यक है। प्रविष्टि के नीचे खीची दोहरी रेखा का तात्पर्य यह होगा कि वह प्रविष्टि ही स्वयं का जोड़ है। इसी प्रकार यदि एक खाते की दोनों ओर समान धन-राशि वाली एक-एक प्रविष्ट है तो भी जोड़ लगाना अनावश्यक होगा।

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